Client Server Model (Architecture) in Hindi : नमस्कार दोस्तों मैं Aman Pathak, Moody Dost में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ| आज के इस लेख में हम बात करने वाले client – server (model) architecture kya hai in hindi के बारे में|
अगर आप भी google पर client - server architecture in Hindi या Client Server Architecture Kya Hai सर्च कर रहे थे तो आप ये लेख पूरा पढ़ सकते हैं|
Client server model, जिसे कुछ लोग client server architecture भी कहते हैं| आज के समय में internet का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस पर निर्भर है| आप भी हमारी website तक client – server model की सहायता से पहुँच पाए हैं|
हम एक दुसरे को email भेजते हैं या वीडियोस देखते हैं| हम सभी ने कभी न कभी google drive का उपयोग किया होगा या किसी को email भेजा होगा| इन सभी में client server model का उपयोग होता है|
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आज के समय में Internet पर जितनी भी सेवायें हैं सभी किसी न किसी server के द्वारा
प्रदान की जा रही हैं| ज्यादातर ये server आपस में एक दुसरे से जुड़े रहते हैं और client को internet के जरिये सेवायें प्रदान
करते हैं|
Client – Server Model(Architecture) क्या है – What is Client Server Model(Architecture) in Hindi
Client Server Model (Architecture) in Hindi : Client – Server Model एक distributed application structure होता है जो सेवा
प्रदान करने वालें सर्वर एवं उन सेवाओं का लाभ उठा रहे client के बीच के कार्य को
अलग अलग करता है| कुछ लोग इसे network computing model या client –
server network भी कहते हैं| इस model के अंतर्गत आने वाले सभी computer या तो
client होते हैं या server होते हैं|
अगर server की बात करें तो ये internet पर उपलब्ध ज्यादातर resources को host करते है| ये servers internet पर client को विभिन्न तरह की services provide करते है|
इन services के लिए एक client उस सर्वर से request करता है एवं सर्वर उस request को respond करके वो resource प्रदान कर देता है|
जब ये दोनों आपस में
संपर्क करते हैं तो सिर्फ server ही resources साझा करता है, इसमें client कोई
resource अर्थात data share नहीं करता है|
ज्यादातर server एवं client दोनों अलग अलग जगह होते हैं एवं आपस में internet/network की सहायता से संपर्क करते हैं पर इसका मतलब ये नहीं की एक ही system के अन्दर server एवं client दोनों नहीं हो सकते|
एक server कई client को services प्रदान करता है एवं एक client कई servers से services के लिए request करता है| ये सर्वर कई तरह के होते हैं जैसे web server, email server एवं ज्यादातर client, web browser, phone एवं computer होते हैं|
Client – Server Architecture के Components
हमने अभी तक Client Server Architecture Kya Hai इस बात को समझ लिया है अब हम client server के components के बारे में भी बात कर लेते हैं| इन्ही components की सहायता से client server model संभव है|
Client Machine – जैसा की हमें इसके नाम से ही पता चल रहा है की ये client है| अगर हम असली जीवन की बात करें तो client वह होता है जो services का उसे करता है| इसी तरह internet पर भी client computer services के लिए request करते हैं एवं उनका उपयोग करते हैं|
दैनिक उपयोग में हम जिन computer, smartphone, browser एवं mail
client(gmail) आदि का उपयोग करते हैं, ये client ही होते हैं| ये servers से
data/service के लिए request करते हैं एवं उनका उपयोग करते हैं|
Server – server एक शक्तिशाली computer होता है| इसमें बहुत fast storage और fast processor रहते हैं| server शब्द का अर्थ होता है प्रदान करने वाला|
internet की
दुनिया में सर्वर ही client को विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करता है| ये सर्वर
कई तरह के होते हैं, mail server, database server, एवं web server आदि|
अगर आप हिंदी में server के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप हमारे लेख सर्वर क्या है और सर्वर के प्रकार को पढ़ सकते हैं|
Network Devices – network devices का client server model में एक अहम हिस्सा है| client को server से request करने के लिए पहले server से connect होना पड़ता है जिसमे network device सहायता करते हैं| network devices, server एवं client को आपस में connect करते हैं|
Client – Server Architecture कैसे काम करता है – How Client Server Model Works in Hindi
हमने ये जान लिया है की Client server model in Hindi क्या है अब हम ये भी जान लेते हैं की client server model कैसे
काम करता है|
सबसे पहले इस model में client (remote processor) एवं server (host computer)
को आपस में संपर्क करना पड़ता है| जो की वे internet की सहायता से करते हैं|
जब इन दोनों में संपर्क हो जाता है| तब client, data या resources के लिए
server को request भेजता है| इसके बाद server उस request पर respond करता है एवं
वह client को resources उपलब्ध करा देता है|
अब client के पास data अर्थात resources हैं| अब वह client उस data को compile
और process करके user को दिखा देता है|
एक website को web browser के जरिये खोलना client – server model का एक अच्छा
उदहारण है| चलिए किसी भी website को खोलने की कार्यप्रणाली को एक सामान्य जीवन के
उदहारण के साथ समझते हैं| हम यहाँ पर जानेंगे अगर आप browser में moodydost.in या किसी और website का नाम लिखेंगे एवं उस पर क्लिक करेंगे तो क्या होगा|
ये सब कार्य internet के विभिन्न protocols के अनुसार होता है|
कार्यप्रणाली |
उदहारण |
1.
सबसे पहले आप अपने browser में
website का address डालते हैं एवं उस browser से उस web address पर जाने के लिए
बोलते हैं| |
1.
आपकी मम्मी ने कहा की market से 500
ग्राम पनीर ले आओ| उन्होंने आपको उस दुकान का नाम बताया| |
2.
इसके बाद अब आपका browser एक client
बन चुका है| अब आप browser अर्थात client dns server से domain name के ip
address को जानने के लिए request भेजेगा| |
2.
अब आप एक client हैं| आपको दूकान का
नाम तो पता है लेकिन उसका address नहीं तो आप एक ऐसे व्यक्ति के पास जाते हैं,
जिसे सभी दूकान के नाम के अनुसार उनका address पता हो| आप उनसे उस दूकान का
address पूछते हैं| |
3.
अब यहाँ पर दो कंडीशन हैं अगर dns
server को उस domain का ip address नहीं मिलता है तो वह Address Not Found का
error भेज देगा और अगर उसे उस domain का ip address मिल गया है तो वह इस request
का जवाब देते हुए उस domain का ip address आपके browser को बता देगा| |
3.
अब यहाँ पर दो कंडीशन हैं, अगर उस
व्यक्ति को उस नाम की दूकान का पता नहीं मिलता है तो वह आपसे कह देगा की उसे
address नहीं मिला लेकिन अगर उसे मिल जाता है तो वह आपको उस दुकान का address
आपको बता देगा| (internet पर एक जैसे दो domain अर्थात दो दुकान का एक नाम नहीं हो सकता|) |
4.
अब आपके browser को उस domain name
का ip address पता है| इसका मतलब उसे ये भी पता है की उसे कहाँ जाना है| |
4.
अब आपको उस दुकान का address पता
है| आपको ये भी पता है की आपको कहाँ जाना है| |
5.
इसके बाद आपका browser मतलब client website
को access करने के लिए उस ip address के web server को http या https के ऊपर
request भेजेगा| |
5.
अब आप पनीर लेने के लिए उस दुकान के
मालिक से पनीर मांगेंगे मतलब उससे पनीर के लिए request करेंगे| |
6.
अब web सर्वर को ये request मिल
चुकी है| अब web server आपकी इस request की जांच करेगा की ·
क्या client ने जिस resource के लिए
request की है वह server के पास उपलब्ध है या नहीं| ·
क्या कहीं client ने FTP access के
लिए तो request नहीं की है| अगर आप उस server से website का ADMIN access मांगेगे तो वह सर्वर आपको
access देने से तो रहा| या client ने ऐसा resource माँगा है जो server के पास है नहीं तो इस स्थिति
में भी सर्वर वह resource उपलब्ध कराने में असमर्थ होगा| |
6.
अब दुकान के मालिक को request मिल
चुकी है एवं वह इस request को जांचेगा की ·
क्या उसके पास पनीर है या नहीं| ·
क्या आपने सही request भेजी है या
नहीं या आपने कुछ गलत तो नहीं माँगा| अब आप उससे
पनीर की जगह उसकी तिजोरी मांगेगे तो वह तो वो देगा नहीं| या कोई ऐसा
सामान मांगेगे जो उसके पास नहीं है तो भी दुकान का मालिक वह सामान नहीं दे
पायेगा| |
7.
अब सब कुछ जांचने के बाद server के
सामने कई condition आती है| जिनमे से कुछ मुख्य कंडीशन ये हैं - a)
अगर server के पास
resource हैं तो वह client को वो resource दे देगा| (200) b)
अगर resource उस सर्वर
के दुसरे URL पर है तो वह client को उस URL पर redirect का कर देगा| अगर
redirect कुछ समय के लिए है तो server, temporary moved(302) के साथ client को
respond करेगा| लेकिन अगर यही redirect permanent
है तो वह moved permanently(301) के साथ client को respond करेगा| c)
अगर client को उस
resource को access करने की permission नहीं है तो सर्वर उसे Forbidden का error
देगा| (403) d)
अगर वह resource,
server को को नहीं मिला तो वह Not Found का error दे देगा| (404) e)
अगर वह resource server
के पास कुछ समय के लिए उपलब्ध नहीं है या वह server ज्यादा load होने के कारण उस
request को handle नहीं कर पा रहा है तो वह Temporary Unavailabe का error दे
देगा| (503) |
7.
आपकी request को जांचने
के बाद दुकान वाले के सामने कुछ कंडीशन आती हैं जिनमे से मुख्य ये हैं – a)
अगर दुकान वाले के पास
पनीर है तो वह आपको पनीर दे देगा| b)
अगर पनीर उसी दुकान के
दुसरे store/counter पर है तो वह आपको वहां पर भेज देगा| c)
अगर आपने उससे कुछ ऐसा
माँगा है जिसे लेने की permission आपको नहीं है तो वो आपको मना कर देगा| d)
अगर उसे अपनी दुकान पर
ढूँढने के बाद पनीर नहीं मिली तो वो आप से कह देगा की पनीर नहीं मिली| e)
इस condition में दुकान
वाला कुछ समय के लिए आपको पनीर देने में असमर्थ होता है| इसकी दो वजह हो सकती हैं| ·
इस समय दुकान वाले के पास पनीर
उपलब्ध नहीं है परन्तु जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी| इसमें वो आपको कह देता है की
कुछ समय बाद आना| ·
कई बार ऐसा होता है की
दुकान वाले के पास बहुत भीड़ होती है जिस वजह से वह सबको जवाब नहीं दे पाता है तो
ये एक तरीके से दुकान वाले की तरफ से मना होता है| |
8.
अब server client (browser) को
respond करेगा| ·
अगर server को resource
मिल जाएगा तो वह client को वह resources दे देगा| ·
अगर कोई error होगा तो
वह client को error भेज देगा| ·
लेकिन सर्वर client को
किसी दुसरे url पर redirect करेगा तो client उस दुसरे url पर जाएगा एवं वहां पर
यही प्रक्रिया दोहराई जायेगी और वहां पर उसे या तो error मिलेगा या resource| हम यहाँ पर मान लेते हैं की server में client को resoucres प्रदान कर दिए
हैं| |
8.
अब दुकान वाला आपको
जवाब देगा| ·
अगर उसे पनीर मिल गयी है तो वह आपको
पनीर दे देगा| ·
अगर उसके पास पनीर नहीं होगी तो वह
आपको पनीर न होने का कारण बता देगा| ·
अगर पनीर उसके किसी
दूसरे स्टोर/काउंटर पर है तो वह आपको वहां का address दे देगा| और वहां पर ये
प्रक्रिया फिर से शुरू हो जायेगी| हम यहाँ पर मान लेते हैं की दुकान वाले ने आपको पनीर दे
दी है| |
9.
अब client को सर्वर के
द्वारा resources मिल चुके हैं| ये resoucres छोटी छोटी files होती हैं| अब आपका browser इन files को
compile एवं render करेगा| |
9.
अब आपको दुकान वाले की
तरफ से पनीर मिल चुकी है| यहाँ पर हम मान लेते हैं की आप अपना
carry bag लेकर आये हैं तो आप उस पनीर को carry bag में डालेंगे| |
10.
compile एवं render
होने के पश्चात browser उस web page को user को दिखा देगा| |
10.
carry bag में डालने के
बाद आप पनीर ले जाकर अपनी मम्मी को दे देंगे| |
इस पूरी प्रक्रिया में browser एक
client है, website का url डालने वाला user है और website का सर्वर एक server ही
है| |
इस पूरी प्रक्रिया में आपकी मम्मी
जिन्होंने पनीर मंगाई थी वो एक user थी| आप जिसने भाग दौड़ की एक client हो|
दुकान जहाँ पर आप गए एक website है और दूकान वाला जिसने आपको पनीर दी वो एक web server
है| अंत में वो पनीर जिस पर ये कहानी आश्रित है वो पनीर इस internet की दुनिया
में data है| और जिस व्यक्ति ने आपको दुकान का
पता बताया था वो dns server था| |
मुझे उम्मीद है की इस table के जरिये आपको client – server model की कार्य
प्रणाली समझ में आ गयी होगी|
Client – Server Architecture कितने प्रकार का होता है
client – server model तीन तरह के होते हैं|
1 Tier Architecture
1 tier architecture में client और server सभी की configuration setting, user interface, data logic एवं environment सब कुछ एक ही system में होता है|
ये architecture बहुत ही reliable होता है पर इन्हें संभालना
बहुत मुश्किल क्योंकि एक ही system में भिन्न भिन्न data रहता है| ये बिलकुल वैसा
ही है जैसे हम एक computer में ही सभी application का use करते हैं|
2 Tier Architecture
2 Tier Architecture |
इस architecture में client और server machine आपस में सीधे connect रहते हैं| इनके बीच में और कोई इंटरमीडिएट नहीं होता है|
जिस वजह से server बहुत ही तेज response देता है| इस architecture में user interface, client machine पर save होता है एवं database, server machine पर सेव होता है|
3 Tier Architecture
3 Tier Architecture |
अंत में आता है 3 tier architecture|ये architecture तीन परत - presentation layer (Client Tier), Application layer (Business Tier) एवं Database layer (Data Tier) में विभाजित है|
इसमें एक मध्यस्थ सर्वर(middleware) की आवश्यकता होती है| इस architecture में अगर client server को request भेजता है तो वह request पहले middle layer को मिलेगी|
इसके बाद अंत में वो request server तक पहुंचेगी| इस architecture में
data logic और business logic middleware पर सेव होता है|
Clinet – Server Architecture की विशेषताएं (Characterstics in Hindi)
·
client एवं server दोनों को
अलग अलग मात्रा में hardware एवं software की आवश्यकता पड़ती है|
·
client एवं server machine
अलग अलग कंपनियों की हो सकती हैं|
·
एक client या server
application संपर्क बनाने के लिए और जानकारी भेजने/प्राप्त करने के लिए Transport
Layer Protocol के साथ सीधे संपर्क करता है|
·
Transport Protocol,
इंडिविजुअल message भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए lower layer protocol का उपयोग
करते हैं|
·
एक अकेला सर्वर कंप्यूटर कई
तरह की services प्रदान कर सकता है| परन्तु हर service के लिए computer में एक अलग
server program की जरुरत होती है|
Client Server Architecture के लाभ एवं हानि
· Client Server Architecture के लाभ
1.
इस model में एक
centralized system रहता है जिसमे एक ही जगह पर पूरा data रहता है|
2.
ये cost effecient होता है|
इसे ज्यादा maintenance की जरुरत नहीं पड़ती है| इस system में data recovery भी
संभव है|
3.
Client एवं server की
capacity को अलग अलग बदला जा सकता है|
· Client Server Architecture के नुक्सान
1.
अगर server में virus,
torjan, worms मोजूद हो या उन्हें upload कर दिया जाए तो client को भी इन virus से
खतरा हो सकता है|
2.
server को DOS अटैक का भी
खतरा रहता है|
3.
data ट्रांसमिशन के समय
data को बदला जा सकता है|
4. login crendntials एवं और भी उपयोगी जानकारी की phishing अथवा उन्हें capture करना सामान्य है|
निष्कर्ष - Client Server Model (Architecture) in Hindi
मुझे पूरी उम्मीद है की आपको हमारा लेख Client Server Model(Architecture) Kya Hai in Hindi पसंद आया होगा|
आज हमने client server model in hindi के बारे में बात करी| ये एक ऐसा विषय जिस पर internet का एक बहुत बड़ा हिस्सा निर्भर है| इस विषय में internet पर हिंदी भाषा में बहुत कम लेख उपलब्ध है
जिस कारण मैंने ये निर्णय
लिया की user को client सरवर model की जानकारी जरूर होनी चाहिए| client server
architecture in hindi, computer एवं internet में एक विषय है जिसे मैंने इस लेख की सहायता
से आप सभी को सामान्य भाषा में समझाने का प्रयास किया है|
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हो तो आप comment में अवश्य पूछ सकते हैं|
sab kuchh sahi hai , par aapko site ke design par thoda dhyan dena chahiye sir
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