नमस्कार दोस्तों, मैं अमन पाठक moody dost में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ| आज हम जानेंगे server kya hai एवं server kitne prakar ke hote hain(Server Ke Prakar)
सर्वर
हम सब ने अपनी
जिंदगी में ये शब्द कितने बार सुना है..... बैंक का server hang होना तो एक आम बात
है| बोर्ड के रिजल्ट वाले दिन वेबसाइट का hang होना| ना जाने कितनी बार सर्वर hang
हुआ है| हमें google से किसी search का data भी चुटकियों में मिल जाता है पर ये
होता कैसे है?
हम सभी ये तो जानते हैं की result की वेबसाइट पर लाखों लोग एक साथ चले जाते हैं जिस वजह से वेबसाइट hang हो जाती है एवं बैंक में भी हजारों काम होते हैं जिस वजह से वहां कभी कभी लोग कहते हैं की सर्वर hang हो गया| मगर क्या हमें ये पता है की इसकी असली वजह क्या है.......?
इस सब के पीछे एक ही चीज़ है वह है सर्वर|
विषय सूची
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लेकिन सर्वर क्या है? सर्वर कैसे काम करता है? सर्वर कितने
प्रकार के होते हैं? इन सब सवालों के जवाब आज आपको इस लेख में मिलेंगे|
सर्वर क्या है (What is Server in Hindi)
सबसे पहले हम ये जानेंगे की सर्वर क्या है|
जैसे की इसके नाम से ही पता चल रहा है, इसका काम है serve
करना अर्थात परोसना| जैसे, शादी में कोई काम करने वाला व्यक्ति हमारे आग्रह पर
हमें खाना परोसता है वैसे ही सर्वर हमारे आग्रह करने पर हमें’ data या services
परोसता(प्रदान करता) है|
अगर server meaning in hindi की बात करें तो सर्वर एक ऐसा कंप्यूटर या
सॉफ्टवेर है जो दुसरे कंप्यूटर या प्रोग्राम्स को service(सेवा) provide(प्रदान)
करता है| सर्वर एक हार्डवेयर या सॉफ्टवेर किसी भी प्रकार के हो सकते हैं|
सर्वर कई तरह की services provide करता है, जैसे- कई सारे क्लाइंट्स के बीच में data share करना, या क्लाइंट्स के लिए data की गणना करना| एक daily use वाला computer खुद क्लाइंट्स को data provide करा सकता है एवं दुसरे सर्वर्स से data recieve भी कर सकता है|
इसका मतलब है, ये एक समय पर सर्वर एवं
क्लाइंट दोनों की भूमिका निभा सकता है|
एक क्लाइंट कई सारे सर्वर्स के साथ जुड़ सकता है एवं एक
सर्वर कई सारे क्लाइंट्स को संभाल सकता है|
सर्वर में बहुत सारा data उपलब्ध होता है जो क्लाइंट की
request पर उपलब्ध करा दिया जाता है|
सर्वर में database server, mail server, game
server, application server, web server, file server एवं print
server काफी उपयोग होते हैं|
सर्वर कैसे कार्य करता है (How a Server works in Hindi)
सर्वर client-server model पर कार्य करता है| आज के समय में
क्लाइंट-सर्वर system को लोग request-response model के नाम से जानते हैं| वैसे तो
इसके नाम से पता चल रहा है की इस model में क्या होता है| लेकिन आप लोगो को समझाने
के लिए मैं एक उदहारण के साथ समझाऊंगा|
जैसा की मैं ऊपर भी बता चूका हूँ सर्वर दुसरे computers को
data प्रदान करता है|
सबसे पहले एक क्लाइंट data के लिए request डालता है
उसके बाद सर्वर उस request का जवाब देकर data उपलब्ध करा देता है|
जैसे-
हमने youtube में कुछ search किया एवं इसके बाद youtube ने हमारे सर्च करने पर
विडियो उपलब्ध करा दी|
इस
उदहारण में youtube का app एक क्लाइंट था एवं youtube के सर्वर ने उस क्लाइंट को
data उपलब्ध करा दिया|
ऐसे
ही गूगल के साथ भी है, जैसे हमने कुछ सर्च किया तो गूगल के सर्वर ने हमें data
उपलब्ध करा दिया|
इन उदाहरण में youtube या गूगल पर सर्च करने वाला क्लाइंट
है एवं जो हमें youtube एवं गूगल की तरफ से data मिला वह data हमें सर्वर ने दिया|
बिना सर्वर के जवाब के हम सर्वर से data प्राप्त नहीं कर
सकते हैं| जब तक सर्वर data की request का जवाब नहीं देता है तब तक हमारे पास
इंतज़ार करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है|
इसी के साथ सर्वर भी अपने अन्दर data स्टोर करके रखता है
लेकिन वह भी क्लाइंट की request के बिना data उपलब्ध नहीं करता है|
हमने देखा है की रिजल्ट की वेबसाइट load नहीं होती है| ऐसा
इसी वजह से होता है क्योंकि उसके सर्वर इतने सारे क्लाइंट्स को संभाल नहीं पाने के
कारण जवाब देना बंद कर देते हैं या सरल भाषा में कहा जाए तो hang हो जाते हैं|
क्लाइंट क्या होता है (What is Client in Hindi)
अभी तक इस लेख में आपने ना जाने कितने क्लाइंट शब्द बार पढ़
लिया होगा| तो इसके बारे में भी हम जान लेते हैं|
क्लाइंट वह कंप्यूटर या प्रोग्राम होता है जो सर्वर को data
access करने के लिए request भेजता है| जैसा की मैं आपको पहले भी बता चूका हूँ की
जब तक क्लाइंट request नहीं करेगा तब तक सर्वर data को उपलब्ध नहीं करेगा| इसलिए
क्लाइंट, क्लाइंट-सर्वर model का एक अहम हिस्सा है|
कोई भी कंप्यूटर, browser, सर्च इंजन, प्रोग्राम जो भी data
को access करने के लिए सर्वर को request भेजता है वह क्लाइंट होता है|
सर्वर के प्रकार (Types of Server in Hindi)
जैसे जैसे समय बढ़ रहा है वैसे वैसे हमारी जरूरतें बढ़ रही
है| इसी वजह से एक सर्वर तो इन सभी जरुरत को पूरा नहीं कर सकता इसी वजह से अलग अलग
तरह के सर्वर की आवश्यकता पड़ी ताकि हमारी सारी जरूरतें पूरी हो सकें|
तो आज हम इन अलग अलग server ke prakar एवं इनके उपयोग को भी
जान लेते हैं| इसके साथ हम ये भी जानेंगे की इन अलग अलग सर्वर के क्लाइंट कौन होते
हैं..........
1.
Application Server
उपयोग – इस सर्वर का उपयोग web apps को host करने के लिए किया जाता है| web apps को
हम web browser में बिना install करे उपयोग कर सकते हैं| कोई भी computer, network
में रहते हुए इनका प्रयोग कर सकता है|
क्लाइंट – एक कंप्यूटर जिसमे web browser हो
2.
Catalog Server
उपयोग – ये सर्वर users को एक बड़े distributed network पर जानकरी खोजने की सेवा
प्रदान करता है|
क्लाइंट – एक कंप्यूटर जो network पर कुछ ढूँढना चाहता
हो
3.
Communication Server
उपयोग – ये सर्वर users के बीच संचार करने के लिए network को संभालते है| network संभालने के कारण एक user दुसरे यूजर को
आसानी से ढूंढ लेता है| हम जो फ़ोन पर बात
करते हैं वह इन्ही सर्वर की सहायता से होती है|
क्लाइंट – वे कंप्यूटर जो network पर आपस में संचार करना
चाहते हो
4.
Computing Server
उपयोग – ये सर्वर network पर दुसरे computers के
साथ अपने संसाधनों को साझा करते हैं| ये संसाधन computer के लिए महत्वपूर्ण होते
हैं| ram और cpu इन संसाधनों के अच्छे उदहारण हैं|
क्लाइंट – network पर वे कंप्यूटर जिन्हें अपनी क्षमता
से ज्यादा RAM एवं CPU की आवश्यकता होती है| data की\
5.
Database Server
उपयोग – ये server एक network पर किसी भी तरह के database को संभालता एवं साझा करता
है| बहुत सारे data के
व्यवस्थित संग्रह को database कहते हैं|
क्लाइंट – Spreadsheets,
accounting software, asset management software या कोई भी computer जिसे सुव्यवस्थित data की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से
बड़ी मात्रा में data की|
6.
Fax Server
उपयोग – ये सर्वर एक या एक से ज्यादा fax machine को एक network पर जोडती हैं|
क्लाइंट – कोई भी fax भेजने या लेने वाला
7.
File Server
उपयोग – ये सर्वर network पर file एवं folder को साझा करती हैं| इसी के साथ ये file
एवं फोल्डर को store करने की जगह को भी साझा करती हैं|
क्लाइंट – network पर कोई भी computer
8.
Game Server
उपयोग – ये सर्वर computers को दुसरे computers के साथ multiplayer game खेलने की
सेवा प्रदान करता है|
क्लाइंट – एक कंप्यूटर जिसमे multiplayer game खेला जा
सके|
9.
Mail Server
उपयोग – ये सर्वर users को मेल भेजने और लेने में सहायता करता है| जिस तरीके से
पत्र भेजने के लिए पोस्ट office की आवश्यकता होती है उसी प्रकार mail भेजने के लिए
mail server की आवश्यकता होती है|
क्लाइंट – mail भेजने और लेने वाले
10.
Media Server
उपयोग – ये सर्वर network पर digital video या audio का आदान प्रदान करता है| इसे
media streaming कहते हैं| इसमें हम बिना उस audio या video को download करे
online देख सकते हैं| youtube एवं सभी
विडियो मंच, विडियो दिखाने के लिए इसी सर्वर का उपयोग करता है|
क्लाइंट – monitor और speaker के साथ एक computer
11.
Print Server
उपयोग – ये सर्वर network पर एक या एक से ज्यादा printers को जोड़ता है|
क्लाइंट – वे computer जो कुछ print करना चाहते हों|
12.
Sound Server
उपयोग – ये सर्वर कंप्यूटर में software(programs) को sound चलाने या रिकॉर्ड करने
में सहायता करता है|
क्लाइंट – एक कंप्यूटर के अन्दर उसके programs
13.
Proxy Server
उपयोग – ये सर्वर एक महत्वपूर्ण और बहुत ज्यादा उपयोग होने वाला सर्वर है| ये सर्वर,
क्लाइंट और सर्वर के मध्य कार्य करता है| ये client से ट्रैफिक लेकर सर्वर को भेज
देता है|
इसे हम ऐसे समझ सकते हैं
जैसे
यूजर A को website C पर
जाना है एवं अगर बीच में proxy server है तो हम अपने सारे data का उस proxy सर्वर
B से आदान प्रदान करेंगे, नाकि direct website C से| इसके बाद हमसे लिया हुआ data,
proxy server B अपने पास से website C को भेजेगा एवं उससे data लेकर हमें मतलब
यूजर A को प्रदर्शित करेगा|
अगर हम इसे अपनी साधारण
जिंदगी से समझने की कोशिश करें तो इसके कई उदाहरण हैं जैसे
Amazon,
अमेज़न दुकानदारों से data
अपडेट करवाता है एवं हमें खुद data दिखता है| हम सामन खरीदने के लिए सीधे दुकानदार
से तो संपर्क करते नहीं हमारा पूर्ण संपर्क सिर्फ अमेज़न से होता है| एवं अमेज़न,
दुकानदार से संपर्क करता है| तो इस उदहारण में अमेज़न proxy सर्वर की तरह ही बीच की
सेवा दे रहा है|
अगर हम इसे और अच्छे से
समझे तो
दो दोस्तों के बीच एक चुगली
करने वाला दोस्त| वो पहले दोस्त की सभी बातें दुसरे दोस्त को बताता है एवं दुसरे
दोस्त की सभी बातें पहले दोस्त को बताता है| इसमें पहले और दुसरे दोस्त का आपस में
संपर्क नहीं होता है लेकिन उन्हें पूरी सूचना मिल जाती है|
इसी तरह proxy server, main
server से data लेकर client को दिखाता है| या client से data लेकर main सर्वर को
भेजता है|
अगर एक और अच्छे उदहारण से
समझे तो
Driving License(DL) बनवाने
वाले agent या दलाल, हम डायरेक्ट rto office में ना जाकर इनसे मिलते हैं एवं ये
हमसे हमारी जानकारी लेकर rto में देते हैं एवं rto से DL एवं जानकारी लेकर हमें
देते हैं| इस उदहारण में हमारा संपर्क सीधे rto से नहीं होता बल्कि एक बीच के
proxy सर्वर की तरह के’ agent या दलाल से होता है|
अगर हम देखें तो इस तरीके
से DL बनवाने में कम समय लगता है| लेकिन आपसे कुछ चार्ज लगते हैं|
एवं अगर हम proxy सर्वर की
तरफ देखें तो ये भी कम समय में बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाता है| इसमें आपको कुछ
चार्ज नहीं देने होते हैं, जिस वेबसाइट पर proxy सर्वर का उपयोग होता है वह
वेबसाइट सभी चार्ज देती है|
क्लाइंट – network पर कोई भी computer
14.
Virtual Server
उपयोग – ये सर्वर दुसरे virtual सर्वर के साथ हार्डवेयर और software को साझा करता
है| ये कुछ मुख्य तरह के सॉफ्टवेर के साथ ही संभव है, जिन्हें hypervisor कहते
हैं| hypervisor एक सर्वर के सामने virtual हार्डवेयर को असली हार्डवेयर के तौर पर
प्रदर्शित करता है|
क्लाइंट – network पर कोई भी computer
15.
Web Server
उपयोग – ये सर्वर web pages को host करता है| web page के संग्रह को ही website
कहते हैं| इसी सर्वर की वजह से World Wide Web संभव हो पाया है| एक वेबसाइट एक या
इससे ज्यादा सर्वर का उपयोग कर सकती है|
क्लाइंट – कंप्यूटर जिसमे एक
web browser हो|
आज के समय में अगर हम internet की बात करें तो लगभग पूरा internet,
client-server model पर बना हुआ है| DNS, name server आदि ऐसी चीज़ें हैं जो इसी
model पर बनी है एवं internet के लिए जरूरी हैं|
अब हमने जान लिया है की सर्वर क्या होता है, अब हम सर्वर के बारे में कुछ
सवालों के जवाब भी जान लेते हैं|
डेडीकेट सर्वर और नॉन –
डेडीकेट सर्वर क्या होता है (What is Dedicated and Non-Dedicated
server in Hindi)
अब हम dedicated एवं non
dedicated सर्वर के बारे में जान लेते हैं|
जैसा की मैं आपको पहले भी बता चूका हूँ की हम अपने computer की भी सर्वर बना
सकते हैं| अगर हम अपने computer को सर्वर बनाते हैं तो इस प्रकार का सर्वर non
dedicated सर्वर कहलायेगा|
non dedicated सर्वर 24/7 चलने के लिए नहीं होते हैं| ये सर्वर ज्यादातर छोटे
ऑफिस एवं घरों में उपयोग होते हैं इनका ज्यादातर काम एक दुसरे कंप्यूटर को जोड़ना
होता है|
जबकि dedicated सर्वर 24/7
चलने के लिए होते हैं| बड़ी कंपनियों में इसी सर्वर का उपयोग होता है| इन सर्वर के
लिए अलग से एक processor आता है एवं ये महंगे होते हैं| अगर हम इनके उपयोग की बात
करें तो पूरा internet इन पर ही टिका हुआ है|
सर्वर प्रोसेसर क्या होता
है (What is server processor in Hindi)
जैसा की आपने अभी पढ़ा है की
dedicated server के लिए अलग प्रोसेसर आता है| इसी अलग प्रोसेसर को सर्वर प्रोसेसर
कहते हैं|
ये प्रोसेसर साधारण प्रोसेसर से काफी तेज होते हैं| इनकी कीमत भी बहुत महंगी
होती हैं|
अगर हम नार्मल प्रोसेसर से इसकी तुलना करें तो एक सर्वर प्रोसेसर, साधारण सबसे शक्तिशाली प्रोसेसर i9 core से 3 से 4 गुना शक्ति शाली है|
कुछ सर्वर प्रोसेसर के नाम हैं|
1.
Intel Xeon
2.
AMD EPYC
सर्वर मेंटेनेंस क्या होता
है (What is server maintenance in Hindi)
Server is going under maintenance
ये हमने ना जाने कितने बार देखा होगा| आज के समय में पूरा
internet सर्वर पर चलता है तो इस वजह से ये हर जगह देखने को मिल जाता है| लेकिन ये
है क्या?
हम सभी जानते हैं की किसी भी चीज़ को रख रखाव की आवश्यकता
होती है| ऐसे ही सर्वर को भी रख रखाव की आवश्यकता होती है| इसे हम सर्वर
maintenance के नाम से जानते हैं| जैसे हमारी गाडी को एक निश्चित समय पर
maintenance की जरुरत पड़ती है वैसे ही सर्वर को भी जरुरत पड़ती है|
अब ये maintenance अलग अलग प्रकार का भी होता है| इसी पर
निर्भर करता है कि इसमें कितना समय लग जाएगा| सर्वर maintenance के कुछ प्रकार जान
लेते हैं|
1.
हार्डवेयर अपग्रेड
2.
storage देखना
3.
बैकअप लेना’
4.
os अपडेट करना
5.
एप्लीकेशन अपडेट देखना|
वैसे अगर आप ना जानते हों तो सर्वर के maintenance के लिए अलग
से कम्पनी होती है| ज्यादातर लोग इन्ही कंपनियों को बुलाते हैं|
होस्टिंग और सर्वर में क्या
अंतर है (What is the difference between Hosting and Server in Hindi)
वैसे अभी तक हमने होस्टिंग के बारे में लिखा नहीं है| इस पर
हम बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे| लेकिन अभी हम इनके बीच के अंतर को जान लेते
हैं|
अगर आप होस्टिंग के बारे में जानते हो तो हो सकता है की
सर्वर को जानने के बाद आप इन दोनों में कंफ्यूज हो जाओ| तो ज्यादा सोचने की जरुरत
नहीं है| हम इस बारे में भी चर्चा कर लेते हैं|
सर्वर का काम होता है data या services को प्रदान
करना(उपलब्ध कराना) एवं होस्टिंग में ये data/services स्टोर(संग्रहित) होती हैं|
इसे हम आसान उदहारण से समझने की कोशिश करते हैं|
आपकी एक दुकान है| उसमे अलमारी में सामान रखा है| उसमे के
आदमी काम भी करता है| एक ग्राहक आया उसने आदमी से कुछ माँगा एवं आदमी ने उसे सामान
दे दिया|
अब इस उदहारण से समझिये दूकान एक वेबसाइट है| वहां पर सामान
रुपी data रखा है| अब ये सामान(data) अलमारी में रखा है| ये अलमारी और कुछ नहीं
आपकी होस्टिंग है जो data को स्टोर करने की जगह provide करती है| इस दूकान में काम
करने वाला आदमी है web सर्वर| ये आदमी जब कोई ग्राहक मतलब user, data मांगेगा; तब
यही आदमी(web सर्वर) अलमारी अर्थात hosting से data निकालकर दे देगा|
सादा शब्दों में कहा जाए तो होस्टिंग data को स्टोर करता है
एवं सर्वर उस data को यूजर के मांगने पर उपलब्ध करता है|
आज हमने क्या सीखा
आज हमने सर्वर के बारे में काफी तरह की बाते जानी| हमने
जाना की एक सर्वर क्या होता है ये महत्वपूर्ण क्यों हैं, इसकी क्या जरुरत है, यह
कितने प्रकार का होता है, इसमें और होस्टिंग में क्या अंतर होता है एवं इसके बारे
में ऐसी बहुत सी बातें जो शायद हमने पता नहीं थी| अगर आपको सर्वर क्या है एवं Server kitne prakar ke hote hain लेख अच्छा लगा हो तो
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प्रश्न हो तो टिपण्णी में अवश्य बताइए|